xero radiography
यह एक x-ray imaging technique है । जिसके अंदर बॉडी part की image thermal paper के ऊपर record की जाती है न कि किसी फिल्म के ऊपर । Xero-radiography के अन्दर किसी भी प्रकार की wet processing की आवश्यकता नही होती हैं। यह एक dry photographic process होती हैं। यह मुख्यतः breast tomour , STN की abnormality के diagnosis के लिए प्रयोग में ली जाती हैं। यह technique Dr. Robert C. McMaster के द्वारा 1950 में develope की गई ।
xeroradiography के अन्दर सामान्यतः एल्युमिनियम की एक प्लेट का उपयोग किया जाता है जिसकी Size 9.5×14 inch होती है। xeroradiography प्लेट को एक light tight plastic container में रखा जाता हैं। जिसे xeroradiography cassette कहते है।
Layer of xeroradiography plate
Xeroradiography प्लेट की मुख्य रूप से चार layer होती हैं।
1. Al layer
Al xeroradiography प्लेट का base होता हैं।
2. Interface layer
यह layer सेलेनियम तथा Al layer के बीच मे होती हैं जो AlO2 की बनी होती है। जिसका कार्य charge को migration होने से रोकता है ।
3. selenium layer
Xeroradioraphy plate का active component selenium layer होती हैं। सेलेनियम एक photo conductor के रूप में उपयोग में लिया जाता हैं।
4. Overcoat layer
यह प्लेट की protective layer होती हैं जो मुख्य रूप से selulose एसिटेट की बनी होती हैं।
Method ( व्यवस्था )
इस तकनीकी में selenium की प्लेट को charge करके cassette के रूप में उपयोग किया जाता हैं। xeroradiography में x-ray photon के द्वारा selenium की इस प्लेट पर exposure देकर latent image का निर्माण किया जाता हैं। प्लेट पर बनी हुई इस latent इमेज को blue tonner ( पाउडर ) के द्वारा विज़िबल इमेज में convert किया जाता हैं।
इस blue tonner powder को प्लेट के ऊपर बिखेरा जाता हैं। जिसके बाद प्लेट पर बनी हुई latent इमेज विज़िबल इमेज में convert हो जाती हैं। अब इस प्राप्त visible image को thermal paper के ऊपर transport किया जाता हैं। और इमेज को fix करने के लिए heat का उपयोग किया जाता हैं। x-ray image को प्राप्त करने के बाद सेलेनियम प्लेट को फिर से charge करके दुबारा use में लिया जाता हैं।