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Scattered radiation

Scatter radiation

Scatter radiation को जानने से पहले attenuation को जानना बहुत जरूरी है।
Attenuation -: जब x rays  किसी पदार्थ  को पार करती है तो absorption तथा Deflection   के द्वारा होने वाली x ray beam की intensity में कमी को attenuation कहते हैं।

attenuation केवल प्राइमरी रेडिएशन का ही होता है । 
यह प्राइमरी रेडिएशन या तो पेशेंट को पार चली जाती ह या पुरी तरह अवशोषित होकर रिमूव हो जाती है।
Xray इमेज केवल प्राइमरी रेडिएशन में होती है।
Scatter radiation फ़िल्म क्वालिटी को कम करती है तथा इमेज formation में कोई योगदान नही होता है।
Scatter radiation एक प्रकार का सेकंडरी रेडिएशन होती है। यह तब होता है जब उपयोगी एक्स-रे बीम किसी ऑब्जेक्ट के द्वारा बाधित होती है तब कुछ एक्स-रे स्कैटर हो जाती है।
Scatter radiation in hindi



Factor effecting scatter 

1. KvP 

KvP बढ़ने के साथ साथ स्कैटर रेडिएशन की मात्रा बढ़ती है क्योंकि कॉम्प्टन इफ़ेक्ट की संभावना बढ़ती जाती है।

2. Field size 

Field size बढ़ने के साथ साथ स्कैटर रेडिएशन बढ़ती जाती है क्योंकि ज्यादा फील्ड साइज की xray बीम ज्यादा tissue पर गिरती ह जिससे xray का स्कैटर होने की संभावना बढ़ती है। जिससे ज्यादा स्कैटर रेडिएशन उत्पन्न होती है।

3. Part thickness 

बॉडी पार्ट की थिकनेस बढ़ने के साथ-साथ स्केटर रेडिएशन बढ़ता जाता है तथा निश्चित thickness पर यह एक saturation  पॉइंट पर आ जाता है । 
एक्सरे बीम के रास्ते में tissue की मात्रा ज्यादा होने पर ज्यादा xray बीम का अवशोषण होगा। जिससे ज्यादा स्केटर रेडिएशन उत्पन्न होगी।