Translate

BUY NOTES

BUY NOTES

Line focus principal in hindi

Line focus principal 

Focal spot

टंगस्टन टारगेट का वह एरिया जिस पर कैथोड से आने वाले इलेक्ट्रॉन टक्कर करते फोकल स्पॉट कहलाता है । 
इन इलेक्ट्रॉन की अधिकांश उर्जा 99% ऊष्मा में परिवर्तित हो जाती हैं तथा केवल 1% ऊर्जा xray में परिवर्तित होती हैं। यह ऊर्जा फोकल स्पॉट पर एक समान रूप से फैल जाती है । बड़े  फोकल स्पॉट पर इस ऊर्जा को जमा होने के लिये ज्यादा एरिया मिलता है जिससे पिघलने की संभावना कम होती है । टंगस्टन का गलनांक 3370℃ होता हैं ।
  लेकिन इसका तापमान 3000℃ से नीचे होना चाहिए । बड़े फोकल स्पॉट होने से टारगेट की ऊष्मा धारण क्षमता (heat loading capacity) ज्यादा होती है लेकिन छोटे फोकल स्पॉट  से रेडियोग्राफिक डिटेल प्राप्त होती है। यह बड़े तथा छोटे फोकल स्पॉट का  conflict 1918 में लाइन फोकस प्रिंसीपल के डेवलोपमेन्ट से दूर किया गया । फोकल स्पॉट की साइज तथा shape को इलेक्ट्रान बीम की साइज तथा shape निर्धारित करती है ।
Line focus principal



इलेक्ट्रॉन बीम की साइज तथा shape को निम्नलिखित निर्धारित करते हैं-
1. Filament dimension tungsten coil
2. focusing cup की बनावट पर
3. Filament की फोकसिंग कप में पोजीशन पर
टारगेट सतह को इलेक्ट्रान बीम के लम्बवत प्लेन से थोड़ा झुका दिया जाता है यह झुकाव एनोड एंगल कहलाता हैं। यह एनोड एंगल 6-20° तक का होता हैं । निकलने वाली दिशा से देखे तो यह सतह (फोकल स्पॉट) छोटी प्रतीत होती है। इसलिये प्रभावी फोकल स्पॉट की साइज वास्तव फोकल स्पॉट से छोटी दिखाई देती हैं । डाइग्नोस्टिक रेडियोलोजी में 40inch FFD  पर  एनोड एंगल 15° से कम नही होता है। फोकल स्पॉट को प्रभावी फोकल स्पॉट के रूप में प्रदर्शित किया जाता है । जो कि सामान्यतः 0.3 , 0.6 , 1 तथा 1.2 mm के होते हैं ।