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Thermionic emission

Thermionic emission

 जब किसी धातु को गर्म किया जाता है तो इसके परमाणु थर्मल एनर्जी को अवशोषण कर लेते हैं इस समय धातु के कुछ इलेक्ट्रॉन इतनी थर्मल एनर्जी को ग्रहण कर लेते हैं कि वह धातु की सतह छोड़कर उसके बाहर आ जाते हैं। किसी धातु को गर्म करने पर उसके इलेक्ट्रॉन का सतह से बाहर आना ही thermionic emission कहलाता है । thermionic emission से बाहर आने वाले इलेक्ट्रॉन को thermions कहते हैं । धातु की सतह के बाहर इलेक्ट्रॉन क्लाउड(बादल) के रूप में धातु को घेर लेते हैं इसे इलेक्ट्रान क्लाउड कहते हैं । किसी धातु की सतह के बाहर इलेक्ट्रॉन का thermionic emission की सहायता से इलेक्ट्रॉन क्लाउड के रूप में इकट्ठा होना एडिशन(edison) इफेक्ट कहलाता है। 
टंगस्टन के बजाय टंगस्टन मिश्र धातु ज्यादा अच्छी इलेक्ट्रॉनो का उत्सर्जन करती है । यह इलेक्ट्रॉन क्लाउड धातु की सतह के एकदम बाहर इकट्ठे हो जाते हैं इन सभी इलेक्ट्रॉन पर नेगेटिव चार्ज होता है जिससे धातु की बाहरी सतह पर नेगेटिव चार्ज उतपन्न हो जाता हैं। अतः इसे स्पेस चार्ज कहते हैं इलेक्ट्रॉन उत्सर्जन के लिए टंगस्टन फिलामेंट को 2200℃ तक गर्म करना पड़ता है । 
Thermionic emission



यह नेगेटिव चार्ज फिलामेंट से अब किसी नए इलेक्ट्रॉन को बाहर नहीं आने देते हैं उस पर प्रतिकर्षण बल लगाते हैं इलेक्ट्रॉन के द्वारा प्रदर्शित यह इफेक्ट स्पेस चार्ज इफेक्ट कहलाता है ।
अब नया इलेक्ट्रॉन निकलने के लिए इलेक्ट्रॉन को ज्यादा थर्मल एनर्जी देनी होगी जिससे कि वह प्रतिकर्षण बल को पार कर सकें यानी इस समय फिलामेंट में उपस्थित इलेक्ट्रॉन की संख्या फिलामेंट के टेंपरेचर के द्वारा निर्धारित होती है । इलेक्ट्रॉन की संख्या बढ़ाने के लिए फिलामेंट का तापमान बढ़ाना होगा तथा इलेक्ट्रॉन की संख्या घटाने के लिए फिलामेंट का तापमान घटना होगा । xray tube में इलेक्ट्रॉन करंट इसी कारण सदा एक ही दिशा में होता है