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Transformer

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ट्रांसफॉर्मर एक इलेक्ट्रिक डिवाइस होता हैं जो इलेक्ट्रिकल एनर्जी को एक कुण्डली से दूसरी कुण्डली में ट्रांसफर करता है। ट्रांसफॉर्मर अन्योन्य प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है।
 xray जनरेटर को 115-230volt , 60Hz AC धारा प्राप्त होती है। फिलामेंट हीटिंग के लिये लगभग 10v विभवांतर की आवश्यकता होती हैं। तथा xray tube में इलेक्ट्रान की गति में परिवर्तन करने के लिये 40Kv-150Kv विभवांतर की आवश्यकता होती हैं। 
आपतित इलेक्ट्रान की ऊर्जा को निश्चित लेवल तक लाने के लिये ट्रांसफॉर्मर की आवश्यकता होती है। 
Transformer in hindi



ट्रांसफार्मर में दो कुण्डली होती है जिन्हें प्राथमिक एवं द्वितीयक कुंडली कहते है जो कि आयरन कोर पर लगी होती हैं।  
ये कुंडली एक laminated आयरन कोर पर लिपटी रहती हैं।यह आयरन कोर पतली पतली आयरन की प्लेट से बनी होती हैं जो L या T आकार की होती है।
इन्हें varnish( रंग रोगन ) में डुबोकर विधुत रोधक कर देते हैं।
प्राथमिक कुंडली के किनारों पर AC विभवांतर अप्लाई करते हैं। यह  AC विभवांतर ट्रांसफार्मर की आयरन कोर में एक चेंजिंग मैग्नेटिक फ्लक्स उत्पन्न करता हैं। यह फ्लक्स द्वितीयक कुंडली मे एक विधुत वाहक बल उत्पन्न करता है। 
द्वितीयक कुंडली  मे उत्पन्न विधुत वाहक बल इसमे उपस्थित फेरो की संख्या के समानुपाति होता हैं।
Laminated आयरन कोर भँवर धाराओं को कम करता है । ये भँवर धाराएं पॉवर को waste करते हैं तथा ट्रांसफॉर्मर की आयरन कोर में ऊष्मा के रूप में उत्पन्न होती है। 
माना NP  तथा NS  ट्रांसफार्मर की प्राइमरी तथा सेकेंडरी कुंडली में फेरो की संख्या है। VP तथा VS ट्रांसफार्मर की प्राइमरी तथा सेकेंडरी कोइल से सम्बन्ध वोल्टेज है। I तथा  IS ट्रांसफार्मर  की प्राइमरी तथा सेकेंडरी कोइल से संबंध current [धारा ] है।  
टांसफॉर्मर की कोइल के सिरों पर वोल्टेज इसमें उपस्थित फेरो की संख्या के सीधे समानुपाती होती है।  
                          VP ∝ NP
                          VS ∝ NS
अतः    VP/V= NP/NS    ....(1)
यंहा NP/NS turn ratio कहलाता है जो की ट्रांसफार्मर की प्राइमरी व सेकेंडरी कोइल या कुंडली में उपस्थित फेरो की संख्या का अनुपात है। अतः किसी ट्रांसफार्मर में उसका वोल्टेज रेश्यो उसके टर्न रेश्यो के बराबर होता है। 
एक आदर्श ट्रांसफार्मर में उसकी प्राइमरी कोइल पर आरोपित पॉवर या शक्ति उसकी सेकेंडरी कोइल पर बिना किसी क्षय के प्राप्त हो जाती है।  अतः  प्राइमरी कोइल पर पावर = सेकेंडरी कोइल पर पावर 
         PP = PS
       PP = VP I
      PS = VS IS
अतः  VS IS = VP IP    
             VP/VIS/IP            ....(2) 
समी.  1 व  2 से 
     VP/VS  IS/IP    NP/NS   
यह ट्रांसफार्मर नियम कहलाता है।