Types of transformer
वोल्टेज परिवर्तन के आधार पर ट्रांसफॉर्मर तीन प्रकार के होते हैं।1. Step up transformer
इस प्रकार के ट्रांसफॉर्मर में सेकेंडरी कॉइल( द्वितीयक कुंडली ) में फेरो( turn ) की संख्या प्राथमिक कुंडली ( प्राइमरी कॉइल ) से ज्यादा होती हैं। इसका turn ratio 1 से कम होता हैं। NP /NS < 1Np < Ns
Vp < Vs
Ip > Is
2. Step down transformer
इस प्रकार के ट्रांसफार्मर प्राइमरी कॉइल में फेरो की संख्या सेकंडरी कॉइल में फेरो की संख्या से ज्यादा होती है। यह high voltage तथा low current की पॉवर को low वोल्टेज तथा high current की पॉवर में बदल देता है। इसका रेश्यो 1 से ज्यादा होता हैं। NP/Ns > 1Vp > Vs
Ip < Is
3. Isolation transformer
इसके प्राइमरी तथा सेकेंडरी कॉइल में फेरो की संख्या सामान होती है। यह दो circuit को electric isolate करने के काम आता है।Vp= Vs
Ip = Is
Efficiency of transformer
किसी ट्रांसफॉर्मर की आउटपुट पॉवर तथा इनपुट पॉवर के अनुपात को ट्रांसफॉर्मर की efficiency दक्षता कहते हैं।efficiency = output power/input power ×100
E = VS IS / VP IP ×100 = Ps /Pp×100
Transformer rating
यह maximum सुरक्षित आउटपुट होता हैं जो ट्रांसफॉर्मर के सेकेंडरी कॉइल पर प्राप्त होता हैं। किसी ट्रांसफॉर्मर की रेटिंग करने के तीन तरीके होते हैं।1. वह maximum high voltage जो ट्रांसफार्मर प्रोवाइड कर सकता है।
2. लगातार चलते रहने पर वह maximum current जो ट्रांसफॉर्मर दे सकता हैं।
3. एक समय जो एक सेकंड से अधिक ना हो , के लिये ट्रांसफॉर्मर के द्वारा दिया जाने वाला maximum करंट।
यदि रेटिंग से ज्यादा पॉवर हो जाती हैं तो ट्रांसफॉर्मर overheat हो जाता है जिससे इसकी इंसुलेशन तथा वाइंडिंग जल जाती हैं।