fractured knee xray
Ankle joint की radiography में दो projection को नियमित रूप से लेते है। एक antero-posterior तथा दूसरा lateral projection . प्रत्येक image के लिए 18-24cm size की कैसेट को standard speed intensifying screen के साथ उपयोग किया जाता हैं।
1. Knee antero-posterior view in hindi
Position of patient and cassette
दोनों टांगो को extend करके x-ray table पर supine लेटाया जाता है। affected limb को centre में करने के लिए rotate किया जाता है। ankle की position को maintain रखने के लिए patella तथा femoral condyles के बीच sandbag को लगाया जाता है । cassette ankle joint के posterior aspect के contact में होनी चाहिए तथा कैसेट का centre tibial condyles के upper border के leval पर होना चाहिए।
Central ray को patella के शीर्ष से 2.5 cm नीचे तथा 90 degree पर tibia के लम्बवत joint space से होकर देते हैं।
Essential image characteristics
Patella को femur पर centralized करना चाहिए।
2. Knee lateral projection
Position of patient and cassette
Patient के knee को 45 या 90 degree पर flex रखते हुए examined side की ओर लेटाते है। दूसरे limb को examined limb के सामने लाते है तथा sandbag की सहायता से support प्रदान करते हैं। एक sandbag ankle के affected side के नीचे रखते हैं जिससे कि tibia का long axis cassette के समांतर हो जाए। limb ( टाँग ) की position को इस प्रकार adjust करते हैं जिससे कि femoral condyles एक दूसरे के ऊपर superimposed तथा cassette के vertically हो जाए। cassette के centre को medial tibial condyle के level पर रखते हैं ।
Direction and centring of the x-ray beam
Central ray को medial tibial condyle के superior border के बीच tibia के long axis के लम्बवत देते हैं ।
Essential image characteristics
Patella femur से साफ दिखाई देनी चाहिए। femoral condyles superimposed होने चाहिए।
3. Knee skyline projection in hindi
Skyline projection निम्न के लिए प्रयोग किया जा सकता है -
Degenerative disease के लिए retro patellar joint space के आंकलन के लिए । patella के पार्श्व subluxation ( मोच ) की degree तथा ligament laxity( ढीलापन ) को तय करने के लिए। chondromalacia ( उपांग ) patella के निदान के लिए । acute trauma में patella के vertical fracture की उपस्थिति को confirm करने के लिए । सर्वोत्तम retro patellar joint space तब प्राप्त होता है जब knee लगभग 30-45 degree पर flexed हो । full extension से full flexion के दौरान patella 2cm की दूरी में move करती हैं। skyline projection को प्राप्त करने के निम्न तीन method है -
(A) conventional inferior superior projection
इस projection में 18×24cm की cassette का इस्तेमाल किया जाता हैं।
Position of patient and cassette
Knee को 30-45 डिग्री flex करके patient को xray टेबल पर बैठाते है तथा support के लिए pad को knee के नीचे रखते हैं। cassette को patient के anterior distal femur के सहारे रखते है तथा support के लिए non opaque pad को जांघ के anterior aspect पर रखते हैं ।
Direction and centring of the x-ray beam
केंद्रीय horizontal x-ray beam के centre को patella apex पर तथा x-ray tube को थोड़ा cranially angle देते हैं। x-ray beam को patella तथा femoral condyle पर closely collimated किया जाता है। जिससे कि trunk and head की scattered radiation कम हो जाए ।
Radiation protection
जितना radiation field कम होगा उतनी ही scattered radiation भी कम होगी । radiation protection के लिए lead rubber apron पहने । इसके अतिरिक्त lead rubber को protection के लिए gonads पर भी रखे ।
(B) knee skyline supero-infero projection
इस projection का यह advantage है कि radiation beam की दिशा gonads की तरफ नही होता है।
Position of patient and cassette
Patient के affected knee को x-ray table के एक तरफ flex करके बैठाया जाता है । साधारणतः skyline projection में knee को 45 डिग्री पर flex किया जाता है अधिक flexion पर retro patellar space भी कम हो जाता है। patient को अनुकुल स्थिति प्राप्त करने के लिए गद्दे या तकिये पर बैठाया जाता है । cassette को stool के ऊपर horizontal रखा जाता हैं तथा cassette को inferior tibial tuberosity border के level पर रखा जाता है ।
Direction and centring of x-ray beam
Vertical beam को patella के proximal border के posterior aspect की तरफ निर्देशित किया जाता हैं। central ray patella के long axis के समांतर होनी चाहिए। patella तथा femoral condyles पर beam को collimated किया जाता है।
Note -: कम flexion के कारण tibial tuberosity की shadow retro patellar joint पर बनती हैं। तथा अधिक flexion होने पर patella lateral femoral condyle के ऊपर आ जाती हैं।
Radiation protection
Gonads को radiation से protection प्रदान करना चाहिए तथा primary beam से protection के लिए patient को थोड़ा पीछे की तरफ झुकाते है।
(C) knee skyline infero-superior prone projection
इस projection का यह फायदा है कि इसमें primary beam gonads की तरफ नही होता हैं। यह projection conventional infero-superior projection के तरह ही है जैसाकी convention projection की position सभी रोगियों के उपयुक्त नही होती हैं इसलिए यह projection किया जाता हैं।
Position of patient and cassette
Patient को x-ray table पर prone position में लेटाया जाता हैं। cassette को knee joint के नीचे रखकर knee को 90 डिग्री पर flex किया जाता हैं। patient के ankle के चारो ओर पट्टी बांधकर vertical आधार के सहारे या पट्टी को रोककर रखा जाता हैं। जिससे कि patient के असहायक movement से बचा जा सके ।
Direction and centring of the x-ray beam
Vertical central ray को patella के पीछे मध्य में तथा 15 degree tube angle knee तरफ अंगूठे को बचाते हुए देते हैं।