Developer & Fixer बहुत ही sensitive होते है, वातावरणीय एव मानवीय कारकों का इन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। Developer एव fixer को प्रभावित करने वाले निम्नलिखित कारक होते हैः
1.Temperature:-
Darkroom का temperature सामानय: 18-24℃ होता है। बहुत अधिक तापमान पर एवं बहुत कम तापमान पर इन solution की क्रियाशीलता में प्रभाव पड़ता है अधिक तापमान से इन solution में विद्यमान Carbonic Redusing Agent एवं अन्य सभी Agent कार्य करने में शिथिल(धीमे) हो जाते है जिससे Developing time घट या बढ़ जाता है। जिससे film की quality पर प्रभाव पड़ता है अत: Dark Room का Temperature सामान्य रहना चाहिए । सर्दियों में ये सोल्यूशन बहुत अधिक ठण्डे हो जाते है। जिससे की प्रोसेसिंग टाइम बढ़ जाता है। अतः सर्दियों के दिनों में Metallic Rod का उपयोग कर इन solution को गर्म किया जा सकता है।
2. Air:-
Air की वजह से इन solution पर विपरीत प्रभाव पड़ता है यदि Developer में O2 मिल जाएगी तो Developer ऑक्सीकृत हो जाता है एवं ऑक्सीकृत Developer भूरे रंग का हो जाता है। सोडियम सल्फाइड Developer को oxidation से बचाता है। अत: dark room में काम करते समय हमेशा इन solution को ढ़ककर रखना चाहिए एवं समय-समय पर प्रिजरवेटिव का प्रयोग करना चाहिए।
3.Dust:-
Dark room की समय-समय पर सफाई करते रहना चाहिए, जिससे कि Developer & fixer में धूल आदि के कण नहीं पहुँच सके ।
4.Time:-
Developer & Fixer को प्रभावित करने वाले कारकों मे Time बहुत Important कारक होता है यदि डार्करूम के अंदर प्रोसेसिंग में अधिक समय लगायेँगे । तो Latent image Quality पर विपरित प्रभाव पड़ता है और latent image की blacking & whitening का Ratio बिगड़ जाता ह। अत: Film की processing पर्याप्त समय में ही पूर्ण कर लेनी चाहिए। Manual processing 2-4 minute में पूरी हो जाती है तथा Auto processing में 90 Sec का समय लगता है।
5.Lenght of Solution:-
Latent Image से विज़िबल इमेज जल्दी या देर से बनने की प्रक्रिया इस बात पर निर्भर करती है कि बनाया गया Solution कितने दिन पुराना है। यदि Solution नया ह तो latent image का निर्माण भी जल्दी होता। यदि solution पुराना ह तो latent image का निर्माण देर से हौता है।