Developer-:
डेवलपर को हम डेवलपिंग सॉल्यूशन भी कहते हैं इसका वर्क फिल्म प्रोसेसिंग में लेटेंट इमेज को विजिबल इमेज में बदलना है। इसका मुख्य कार्य एक्सपोज हो चुके सिल्वर हेलाइड क्रिस्टल्स को मैटेलिक सिल्वर में बदलना है।डेवलपर में चार रसायनिक तत्व होते हैं जो कि निम्न है
1. Carbonic reducing agent( developing agent)
यह metol एवं hydroquinone का मिश्रण होता है । metol developing के दौरान अधिक तेजी से कार्य करता है तथा फिल्म में उपस्थित ग्रेन के हल्के shadow को डार्क करता है। अर्थात् एक्सपोज हो चुके सिल्वर हैलाइड को मैटेलिक सिल्वर हैलाइड में बदलता है। और अंतिम detail ( maximum information about the internal part of the body) प्रदान करता है । metol लेटेंट इमेज को grey विज़िबल इमेज में परिवर्तित करता है । डेवलपिंग के दौरान हैड्रोक्विनोने metol की तुलना में धीमी गति से कार्य करता है तथा फ़िल्म को उचित कंट्रास्ट ( ratio of blacking and whitening) प्रदान करता है । आजकल metol की जगह phenidone को उपयोग में लेते हैं ।2. Activator (alklizer)
सोडियम कार्बोनेट (Na2Co3) तथा सोडियम हैड्रॉक्साइड (NaoH) एक्टिवेटर का कार्य करता है । alkalizer को accelerator (त्वरक) भी कहते हैं । यह डेवलपर सोल्युशन को क्षारीय माध्यम प्रदान करता है । यह पदार्थ फ़िल्म के इमल्शन को फुलाते है जिससे को डेवलपिंग एजेंट इमल्शन में आसानी से प्रवेश कर सके । साथ ही साथ यह इमल्शन से क्रिया के पश्चात मुक्त हुए पदार्थो को बाहर निकलता है । यह सिल्वर क्रिस्टल को आकर्षित करता है ।3. Restrainer
पोटेशियम ब्रोमाइड (KBr) एवं पोटेशियम आयोडाइड एंटीफोगिंग एजेंट रिस्ट्रेनर का कार्य करता है। यह पदार्थों को केवल उन सिल्वर हैलाइड क्रिस्टलो से क्रिया करने देता है जो xray एक्सपोजर के द्वारा एक्सपोज हो चुके हैं। यदि डेवलपिंग सोल्यूशन में रिस्ट्रेनर नहीं मिलाएंगे तो ऐसे सिल्वर क्रिस्टल भी मैटेलिक सिल्वर में बदल जाएंगे जो कि एक्स-रे से एक्सपोज नहीं हुए थे । जिससे कि अधिक लोग का निर्माण होता है जिसे डेवलपमेंट फोग कहते हैं।4. Preservative
Sodium sulfite (Nas) preservative का कार्य करता है । यह Corbonic Reducing Agent को हवा द्वारा आक्सीकृत (Oxidation) होने से बचाता है । अर्थात Developer की Age वढाता ह। Developer में उपस्थित agent - hydroquinone हवा के प्रति अधिक संवेदशनशील होता है। ऑक्सीकृत developer का color भुरा हो जाता है। अत: Dcveloping कार्य पूर्ण होने के पश्चात् इन slution को ढककर रखना चाहिए। जिससे कि इन solution में Air अथवा dust particales प्रवेश न कर सके ।Replacement
लगातार प्रयोग से Developing solution कमजोर हो जाता हैं तथा टैंक में इसका आयतन भी कम होता जाता है। इसलिए Developer की कम हुई शक्ति तथा आयतन को पूरा करने के लिए एक विशेष solution इसमें मिलाया जाता है । इसे Replacement कहते है। इससे Developer की गुणवत्ता एवं age फिर से बढ़ जाती है। रिपलेसमेन्ट सोल्यशन में ब्रोमाइड (Br) नहीं होता । क्योंकि एक्सरे फिल्म processing के दौरान यह film से निकलकर Developer में पहले से ही इकट्ठा रहता हैं। तथा रिपलेसमेंन्ट सॉल्युशन मे Hydroquinone, metol तथा क्षार (alkaline) की मात्रा अधिक होती है। क्योंकि एक्सरे फिल्म प्रोसिंग के दौरान डवलपर के लगातार प्रयोग से इनकी मात्रा कम हो जाती है। अतः Replacement पदार्थों को डवलपर में मिलाने पर इसकी नष्ट शक्ति पुनः प्राप्त की जा सकती है।Fixer
Development के उपरान्त प्रात हुई विजिबल इमेज को Fixer के द्वारा परमानेट fixed किया जाता है। साथ-ही-साथ Deveiping के पशचात् फुली हुई (Swelled soft film) को फ़िक्सर के द्वारा हार्ड किया जाता है।इसके अलावा fixer का उद्देश्य undeveloped एवं unexposed सिल्वर हेलाइड क्रिस्टल को film से निकालना होता है।
Fixing solution में निम्नलिखित केमिकल होते है-
1.Fixing Agent:-
Fixing agent के रूप में पाउडर वाले फ़िक्सर में सोडियम थायो सल्फेट तथा लिक्विड वाले फिकसर में अमोनियम थायो सल्फेट का प्रयोग किया जाता है। फिक्सिंग एजेन्ट फ़िल्म से undeveloped एव unexsposed सिल्वर ब्रोमाइ(Agbr) तथा सिल्वर आयोड़ाइड (Agi) क्रिस्टल्स को निकालकर फ़िल्म को साफ करते है तथा फिक्सिंग एजेंट मेटेलिंक सिल्वर को फिल्म के developed तथ exposed हुए भागो मे फ्री कर देते है।2.Preservative:-
सोडियम सलफाइड (Na2S) Preservative कार्य करता है। यह fixing agent को खराब होने से बचाता है । ताकि फ़िल्म को साफ रखा जा सके।3. Hardner:-
फिक्सर सोल्यूशन में हार्डनर पदार्ध के रूप में क्रोमएलम या पोटेशियम एलम (KCr (SO4)2. 12(H2O) का प्रयोग किया जाता ह। हार्डनर पदार्ध फिल्म के emulsion तथा जिलटिन को टाइट करते है । साथ ही-साध फिल्मों को खरोचों (scratch) से बचाते हैं।4. Acid:-
Fixer सॉल्युशन में अम्लों के रूप में एसेटिक अम्ल (CH3COOH) या सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) का प्रयोग किया जाता है । यह xray फिल्म की फिक्सिंग के दैरान फिल्म में बचे हुए क्षार को उदासीन (Neutralize) कर देते है। साथ-ही-साथ फ़िक्सर में उपस्थित हार्डनर पदार्ध क्रोमएलम या पोटेशियम एलम (KCr (SO4)2.12(H2O) के लिए पर्यास माध्यम प्रदान करता है।