Translate

BUY NOTES

BUY NOTES

Construction of x-ray tube

Construction of x-ray tube

 एक्स-रे का उत्पादन ऊर्जा रूपांतरण के द्वारा होता है जिसमें तेज गतिशील इलेक्ट्रॉन टारगेट मटेरियल पर टक्कर करते हैं x-ray ट्यूब पायरेक्स ग्लास की बनी होती है जिसके वैक्यूम(निर्वात) में दो इलेक्ट्रोड स्थित होते हैं । 
Construction of x-ray tube in hindi



Xray tube के निम्न भाग है

1. Glass envelope

Glass enclosure borosilicate का बना होता हैं । जो xray tube में दो इलेक्ट्रोड को निर्वात में सील कर देते हैं। 

2. Cathode

X-ray ट्यूब का नेगेटिव टर्मिनल ना होता है इसके निम्न भाग है-
A. Connecting  wire 
B. Filament
C. Focusing cup

A. Connective wire

कनेक्टिव वायर फिलामेंट को वोल्टेज ( average about 10v ) तथा धारा amp ( average about 3-5A ) सप्लाई करता है । 

B. Filament 

  यह xray tube के लिए इलेक्ट्रॉन का स्त्रोत होता है । एक्स-रे ट्यूब में उत्पन्न x-ray फोटोन की संख्या कैथोड से एनोड  की ओर जाने वाले इलेक्ट्रॉन की संख्या पर निर्भर करती है । फिलामेंट टंगस्टन वायर का बना होता है । तथा इस tungsten वायर को एक कुंडली मे coil किया गया होता है । इस वायर डायमीटर  0.2mm रोता । कुंडली के चक्र का व्यास 0.2 cm होता है । तथा इस कुंडली की लंबाई 1 सेंटीमीटर या इससे कम  होती है । आधुनिक xray tube में एक या दो फिलामेंट होते हैं इनमें एक फिलामेंट बड़ा तथा दूसरा छोटा होता है । यह फिलामेंट side by side या ऊपर नीचे लगे होते हैं । एक बार मे सिर्फ एक ही फिलामेंट एक्सपोज़र के काम आता है।

C. Focusing cup

कैथोड से निकलने वाले इलेक्ट्रॉन एक बीम या पुंज  के रूप में निकलते हैं तथा एनोड की ओर गति करते हैं । इलेक्ट्रॉन-इलेक्ट्रॉन के मध्य प्रतिकर्षण के कारण यह इलेक्ट्रान बीम फैलने लगता हैं। तथा टारगेट की एक बहुत बड़े एरिया पर टक्कर करते हैं । जिससे उतपन्न xray की क्वालिटी अच्छी नही होती हैं।इलेक्ट्रॉन बीम के प्रसार को रोकने के लिए focusing  cup काम में लिया जाता है ।  यह focusing cup काफिलामेंट जितना ही negative charge होता है । फोकसिंग कप इलेक्ट्रॉन बीम के ऊपर एक इलेक्ट्रिक फ़ोर्स लगाता है । जिससे इलेक्ट्रान एनोड की सतह पर requaired size and shape में फोकसित होती है। फोकसिंग कप Ni (निकल)का बना होता हैं ।

3. Anode 

यह xray tube का पॉजिटिव टर्मिनल होता है । एनोड वह स्थान होता है जंहा पर कैथोड से उत्सर्जित इलेक्ट्रान टक्कर करते हैं और एक्सरे का निर्माण करते हैं। एनोड उच्च परमाणु संख्या वाली धातु का बना होना 'चाहिए । जिससे की इलेक्ट्रॉन ऊर्जा का एवक्सरे ऊर्जा में परिवर्तन अधिकतम हो सके । एनोड उच्च गलनांक वाले धातु का बना होना चाहिए ।जिसकी विशिष्ट ऊष्माधारिता एवं तापचालकता (Heat Capacity) हो । टंगस्टन (w) की परमाणु संख्या अधिक (74) होती है एवं इसका गलनांक भी 3370℃होता है। उपरोक्त गुण टंगस्टन में होने के कारण आदर्श एनोड के रूप में टंगस्टन धातु का प्रयोग किया जाता है । मॉर्डन xray tube एनोड में टंगस्टन के साथ साथ 5-6% रेनियम मिलाया जाता है। जिससे एनोड तड़कता नही है।ऐसा करने के लिए रेनियम मिश्रित टंगस्टन की परत मोलिब्डेनम धातु के आधार पर चढ़ाई जाती है।