Losses of transformer
ट्रांसफार्मर में दो कुंडली होती है जिन्हें प्राथमिक व द्वितीयक कुंडली कहते हैं। जो की laminated आयरन कोर पर लगी होती हैं ।100% दक्षता वाले ट्रांसफार्मर को आदर्श ट्रांसफार्मर कहते हैं । अर्थात वह ट्रांसफार्मर जिसकी प्राथमिक कुंडली पर आरोपित शक्ति तथा द्वितीयक कुंडली पर आरोपित शक्ति का परिमाण बराबर हो तो उसे आदर्श ट्रांसफार्मर कहते हैं। लेकिन आमतौर पर कोई भी ट्रांसफार्मर आदर्श ट्रांसफार्मर नहीं होता है प्राथमिक कुंडली पर आरोपित शक्ति से कम शक्ति द्वितीयक कुंडली पर प्राप्त होती है । ट्रांसफार्मर जब एक कुंडली से दूसरे कुंडली में उर्जा ट्रांसफर करता है तो कुछ ऊर्जा का ह्रास{loss} हो जाता है जो निम्न रूपों में होता है।
1. Cooper losses
ट्रांसफार्मर की प्राइमरी तथा सेकेंडरी कोयल में प्रतिरोध के कारण जब इनमें से धारा प्रवाहित की जाती है तो ऊष्मा का निर्माण होता है इस प्रकार ट्रांसफार्मर में उर्जा का ऊष्मा के रूप में loss होना copper losses कहलाता है ।
2. hysteresis losses
जब ट्रांसफार्मर की कुंडलियों में प्रत्यावर्ती धारा प्रवाहित की जाती है तो कुंडली एक परिवर्ती चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती है। ट्रांसफार्मर का आयरन कोर चुंबकीय क्षेत्र के संपर्क में आने पर आयरन कोर भी चुम्बकित हो जाता है इस परिवर्तित चुंबकीय क्षेत्र के कारण आयरन कोर का बार बार चुम्बकन तथा विचुम्बकन होने के कारण ट्रांसफार्मर में ऊर्जा की हानि होती है इसे से hysteresis loss {शैथिल्य हानि} कहते हैं।
3. Eddy current losses
ट्रांसफार्मर में लोहे की कोर में चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन के कारण प्रेरण सिद्धांत के अनुसार भंवर धाराएं उत्पन्न होती है। जिससे ऊष्मा उत्पन्न होती है। जिससे आयरन कोर गर्म हो जाती है और ऊर्जा का ऊष्मा के रूप में हानि होती है इस हानि को hysteresis loss (भँवर धारा हानि ) कहते हैं।
4. Magnetic flux losses
ट्रांसफार्मर में जब प्रत्यावर्ती धारा प्राइमरी कोयल में प्रवाहित की जाती है तो उसके कुल मैग्नेटिक फ्लक्स पूर्णतः सेकेंडरी कॉइल से संबंध नहीं होता है जिससे प्राइमरी कोयल की कुल ऊर्जा सेकेंडरी कोयल पर transfer नहीं होती है इस प्रकार फ्लक्स के लॉस के कारण विद्युत ऊर्जा की हानि होती है इसे Magnetic flux losses कहते हैं।