plastic x ray
Production of xray
जब तेज गतिशील इलेक्ट्रॉन किसी टारगेट मटेरियल से टकराता है तो वह इलेक्ट्रॉन अपनी गतिज ऊर्जा उस टारगेट मटेरियल को दे देता है । जिससे अत्यधिक मात्रा में ऊष्मा का निर्माण होता है और कुछ मात्रा में xray का निर्माण होता है । एक्सरे का निर्माण ऊर्जा रूपांतरण से होता है क्योंकि एक्स-रे प्रोडक्शन(निर्माण) कि इस प्रक्रिया में गतिज ऊर्जा का रूपांतरण रेडिएशन ऊर्जा में होता है । यह रूपांतरण टारगेट मटेरियल पर होता है जब इलेक्ट्रॉन टारगेट से टकराता है तो इलेक्ट्रॉन तथा टारगेट के मध्य निम्न चार क्रियाएं होती है।1. Excitation
जब तेज गतिशील आपतित इलेक्ट्रॉन टारगेट मटेरियल के परमाणु की बाहर वाली कक्षा से क्रिया करता है तो वह इलेक्ट्रॉन अपनी उर्जा उस बाहर वाले कक्षा के इलेक्ट्रॉन को दे देता है जिससे उस कक्षा में एक excitation प्रोड्यूस होता है और आपतित इलेक्ट्रोन उस परमाणु से बाहर निकल जाता है। इस क्रिया में परमाणु से इलेक्ट्रॉन बाहर नही निकलता है ।2. Ionization
जब तेज गतिशील आपतित इलेक्ट्रॉन टारगेट परमाणु के बाहर वाली कक्षा के इलेक्ट्रॉन से टक्कर करता है तो बाहर कक्षा में स्थित इलेक्ट्रॉन को इतनी उर्जा दे देता है जिससे कि वह इलेक्ट्रॉन परमाणु से बाहर निकल जाता है तथा आपतित इलेक्ट्रॉन भी परमाणु से बाहर निकल जाता है । बाहरी कक्षा में स्थित इलेक्ट्रॉन जो परमाणु से बाहर निकलता है उसे सेकेंडरी इलेक्ट्रॉन के नाम से जाना जाता है इस क्रिया में केवल ऊष्मा का ही निर्माण होता है न कि xray का ।3. Characteristic x-ray
इस क्रिया के दौरान Characteristic x-ray का निर्माण होता है। परमाणु के नाभिक के पास स्थित कक्षा को K तथा नाभिक से दूर स्थित कक्षाओं के नाम L , M , N आदि से व्यक्त करते हैं । जब तेज गतिशील आपतित इलेक्ट्रॉन परमाणु की K कक्षा में स्थित इलेक्ट्रॉन से टक्कर कर उसे परमाणु से बाहर कर देता है तथा स्वयं भी बाहर चला जाता है तो इस दौरान परमाणु की K कक्षा के अंदर रिकत्वा(खाली स्थान) उत्पन्न हो जाता है परमाणु की K कक्षा में उत्पन्न खाली स्थान को भरने के लिए बाहर वाली कक्षा(L,M,N कक्षा) के इलेक्ट्रॉन K कक्षा में जंप करते हैं । K कक्षा तथा L कक्षा के मध्य बंधन ऊर्जा का अंतर होने के कारण L कक्षा के इलेक्ट्रॉन अपनी उर्जा को त्याग कर K कक्षा के खाली स्थान को पूर्ण करता है। L कक्षा के इलेक्ट्रॉन द्वारा त्यागी गई यह ऊर्जा Characteristic एक्स-रे के रूप में निकलती है। यह ऊर्जा ए असतत होती है जिसका स्पेक्ट्रम एक लाइन के रूप में बनता है ।यदि K कक्षा में उत्पन्न खाली स्थान को भरने के लिए L कक्षा का इलेक्ट्रॉन आता है तो इसे Ka से प्रदर्शित करते हैं और यदि K कक्षा में इलेक्ट्रॉन M कक्षा से आता है तो इसे Kb के द्वारा प्रदर्शित करते हैं । Ka Characteristic एक्स-रे की उर्जा Kb से अधिक होती है तथा महत्वपूर्ण होती है। यदि आपतित इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा K कक्षा में स्थित इलेक्ट्रॉन की बंधन ऊर्जा से कम होगी तो Characteristic एक्स-रे का निर्माण नहीं होगा क्योंकि इससे इलेक्ट्रॉन टक्कर के बाद बाहर विक्षेपित नहीं होगा । अतः आपतित इलेक्ट्रॉन कि वह न्यूनतम ऊर्जा जो K कक्षा में स्थित इलेक्ट्रॉन को बाहर निकालने के लिए आवश्यक हो उसे देहली ऊर्जा कहते हैं जैसे जैसे आपतित इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा देहली ऊर्जा से बढ़ती जाती है तो Characteristic एक्स-रे की उर्जा भी बढ़ती है ।
4. Bremsstrahlung ( Continuous x ray )
जब तेज गतिशील आपतित इलेक्ट्रॉन टारगेट परमाणु के नाभिक के पास से होकर गुजरता है तो नाभिक के पॉजिटिव(+ve) आवेश तथा इलेक्ट्रॉन के नेगेटिव(-ve) आवेश के कारण नाभिक तथा इलेक्ट्रॉन के मध्य एक आकर्षण बल लगता है जिसके कारण आपतित इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा में कमी होती है इस गतिज ऊर्जा में हुई कमी के परिणाम स्वरूप यह ऊर्जा एक्स-रे फोटोन के रूप में निकलती है इस एनर्जी को Bremsstrahlung xray कहते हैं ।आपतित इलेक्ट्रॉन जितना नाभिक के पास से होकर गुजरता है उत्सर्जित एक्सरे फोटोन की ऊर्जा भी उतनी ही अधिक होगी। तथा आपतित इलेक्ट्रॉन जितना नाभिक से दूर से होकर गुजरेगा उत्सर्जित एक्स-रे फोटोन की ऊर्जा उतनी ही कम होगी। अतः एक्सरे फोटोन की ऊर्जा इलेक्ट्रॉन तथा नाभिक के मध्य के कुलम बल पर निर्भर करती है उत्सर्जित एक्स-रे फोटोन की अधिकतम ऊर्जा आपतित इलेक्ट्रॉन की अधिकतम ऊर्जा पर निर्भर करती है इस क्रिया के दौरान निकलने वाली अक्षरे सतत होती है । इस एक्स-रे बीम की दिशा भी उत्सर्जित एक्सरे फोटोन की ऊर्जा पर निर्भर करती है। 100Kev से अधिकतम ऊर्जा के इलेक्ट्रॉन से उत्पन्न होने वाली अक्षरे एक बीम के रूप में निकलती है तथा 100Kev से कम ऊर्जा के इलेक्ट्रॉन से उत्पन्न होने वाली एक्स-रे प्रत्येक दिशा में समान रूप से फैलती है । इसके लिए मोटे टारगेट का use में लिया जाता है ताकि पूर्ण रूप से इलेक्ट्रॉन बीम को रोका जा सके तथा टारगेट के लंबवत अच्छी एक्सरे बीम प्राप्त हो।