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anode

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Types of anode

 anode x-ray tube  का पॉजिटिव टर्मिनल होता है । x ray ट्यूब में एनोड दो प्रकार के होते हैं-

1. Stationary anode 

Stationary anode x-ray tube में 2-3 mm  मोटी एक छोटी टंगस्टन की प्लेट होती है जो कि एक बड़े कॉपर के ब्लॉक में धसी होती है । यह टंगस्टन प्लेट आयताकार या वर्गाकार आकृति की होती है जिसकी प्रत्येक भुजा 1 सेंटीमीटर से बड़ी होती है टंगस्टन को टारगेट मटेरियल के रूप में चुुनने के निम्न कारक है-
A. इसका एटॉमिक नंबर(74) हाई  होता है जो कि x-ray प्रोडक्शन के लिए ज्यादा दक्ष बनाता है।
B.इसका मेल्टिंग पॉइंट(गलनांक) (3370℃) हाई होता है । जिससे यह उत्पन्न अत्यधिक टेंपरेचर को सहन कर सकता है । 
C.टंगस्टन ऊष्मा अवशोषण के लिए एक अच्छी धातु होती है यह अवशोषित ऊष्मा को टारगेट से दूसरी जगह फैलाने में अच्छा होता है। 
इन अच्छे उष्मीय गुणधर्म के बावजूद टंगस्टन रिपीटिंग एक्स्पोज़र या बार-बार एक्सपोजर सहन नहीं कर सकता है। कॉपर धातु टंगस्टन के बजाय अच्छा उष्मा का चालक  होता है इसलिए यह एक छोटी टंगस्टन डिस्क या प्लेट को बड़े कोपर ब्लॉक के साथ बॉन्ड कर दिया जाता है । जिससे एनोड की थर्मल capacity बढ़ जाती है तथा cooling की रेट भी बढ़ जाती है । 
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कॉपर तथा टंगस्टन को गर्म करने पर यह अलग-अलग दर से फैलने लगते हैं जिससे टंगस्टन टारगेट कोपर ब्लॉक से अलग हो सकता है इसके लिए कॉपर तथा टंगस्टन के बीच के bond( बंधन ) को मजबूत बनाते हैं।

2. Rotating anode 

एक्स रे ट्यूब में बड़े एक्सपोजर के कारण उत्पन्न होने वाली ऊष्मा को सहन करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए रोटेटिंग एनोड सिद्धांत काम में लिया जाता है। रोटेटिंग एनोड x-ray ट्यूब में टंगस्टन या टंगस्टन धातु की बनी एक बड़ी डिस्क होती है जो रोटेट कर सकती है । सैद्धांतिक रूप से  एक्सपोजर के दौरान यह  3600 RPM (round per minute) तक घूमती है । लेकिन यंत्रवत् रूप से (Mechanically) एनोड कभी भी 3600 RPM स्पीड नहीं पकड़ता है । साधारणतः यह 3000 RPM स्पीड तक घूमता है। 
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टंगस्टन डिस्क के किनारे झुके हुए होते हैं इसमें एनोड एंगल 6-20° होता है । लाइन फोकस प्रिंसिपल का लाभ लेने के लिए टंगस्टन डिस्क के किनारे झुके हुए हो बनाए होते हैं । रोटेटिंग एनोड बनाने का मुख्य उद्देश्य उष्मा को बड़े एरिया पर फैलाना होता है । x ray ट्यूब का एनोड स्टेटर कोयल के द्वारा उत्पन्न मैग्नेटिक फील्ड के कारण घूमता है और यह स्टेटर कॉइल x ray tube के नेक के चारों ओर बाहर से लपेटा जाता है जिससे यह मैग्नेटिक फील्ड इंडक्शन मोटर के कॉपर रोलर में एक करंट प्रेरित करता है। यह प्रेरित करंट रोलर को घुमाने के लिए शक्ति या पॉवर प्रदान करता है । एनोड को सरलता से  रोटेट(घूमने) करने के लिए बियरिंग काम में लेते हैं। इन बियरिंग का सरलता से रोटेट करें इसके लिए इसको लुब्रिकेंट करना अति आवश्यक है । oil लुब्रिकेंट को काम में लेने पर वह x ray  ट्यूब की ऊष्मा से वाष्पीकृत होकर अक्षरे ट्यूब के वैक्यूम(निर्वात) को डिस्ट्रॉय कर सकता है । तथा ड्राई (सुखे) लुब्रिकेंट जैसे ग्रेफायड घिसकर पाउडर बन जाता है जो कि x ray tube के vacuum को डिस्ट्रॉय  कर सकता है । सिल्वर को हाई वैक्यूम में यूज किया जाता है।
रोटेटिंग एनोड में heat bearing के द्वारा अवशोषित कर ली जाती है । जो उन्हें फैलाकर खराब कर देता है ।इस प्रोब्लम के लिये रोटेटिंग एनोड की नली(stem) मोलिब्डेनम धातु का बनाया जाता हैं। मोलिब्डेनम का गलनांक 2600℃ होता हैं तथा यह ऊष्मा का अच्छा चालक नही होती हैं। यह मोलिब्डेनम नली टंगस्टन टारगेट डिस्क तथा बेअरिंग के मध्य एक ऊष्मा अवरोध का करती है । मोलिब्डेनम नली की लंबाई को जितना हो सके उतना कम रखना चाहियें जिससे कि जड़त्व कम हो सके। इस जड़त्व के कारण एनोड पर बल लगाने तथा एनोड का फुल स्पीड में घूमने के मध्य थोड़ा विलम्ब उतपन्न होता हैं। यह विलम्ब 0.5 - 1 sec के मध्य होता हैं । इसके लिए एक सेफ्टी सर्किट लगाया जाता है जो x ray tube से एक्सपोज़र को तब तक नही होने देता जब तक कि एनोड अपनी फुल स्पीड से घूमने न लग जाये । x ray tube की लाइफ एनोड की सतह के खुरदरा तथा खड्डा के कारण कम हो जाती हैं । इसके लिये एनोड की सतह को शुद्ध टंगस्टन का न बनाकर टंगस्टन मिश्र धातु का बनाया जाता है। जिसमे 90% टंगस्टन तथा 10% रेनियम(Rh) होता हैं। यह मिश्र धातु सतह के खुरदुरेपन की प्रतिरोधी होती है । तथा शुद्ध टंगस्टन की तुलना में इसकी ज्यादा थर्मल कैपेसिटी होती है ।