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Heat ( ऊष्मा ) and methods of heat transformation

Heat ( ऊष्मा )

ऊष्मा ऊर्जा का ही एक रूप है जिसके द्वारा वस्तु की गर्माहट या ठंठक का अनुभव होता है।

जब गर्म वस्तु तथा ठंडी वस्तु को एक दूसरे के सम्पर्क में रखा जाता है तो ऊष्मा गर्म वस्तु से ठंडी वस्तु की ओर प्रवाहित होती हैं। इस प्रक्रिया में ऊष्मा स्थानांतरित होती हैं । अतः इस सिद्धान्त के अनुसार पदार्थ के कण ( अणु ) सभी संभव दिशाओं में random ( यादृच्छिक  गति ) कर सकते है।   जिसके कारण इनमें गतिज ऊर्जा पायी जाती हैं । प्रत्येक पदार्थ के अणु की अनियमित गति के कारण पदार्थ की energy को ही thermal energy ( उष्मीय ऊर्जा ) कहते है।

उष्मीय ऊर्जा का मात्रक = कैलोरी , SI unit - jule

Types of methods heat transformation

1. Conduction method ( चालन विधि )

इस विधि में ऊष्मा का प्रवाह पदार्थ के अणु के स्थानांतरण के बिना ही होता हैं। अर्थात conduction Method में पदार्थ के कण बिना किसी गति के एक दूसरे के साथ heat transfer करते है। यह विधि मुख्य रूप से solid में पाई जाती हैं। 

प्रायोगिक विश्लेषण -:

माना एक लोहे की छड़ जिस पर मोम की सहायता से तीलियाँ क्रमानुसार चिपकी हुई हैं। तथा इसके एक सिरे को handle से पकड़ कर दूसरे सिरे को बर्नर की सहायता से गर्म किया जाता हैं। तो कुछ समय पश्चात बर्नर सिरे की ओर से तिलिया क्रमानुसार नीचे गिरने लगती हैं। उपरोक्त से स्पष्ट है कि ऊष्मा का transformation उच्च ताप से निम्न ताप की ओर होता हैं। conduction एक slow process है जो द्रव व गैसों में प्रवाहित नही होती हैं। जिस माध्यम से heat transfer होती हैं उसका ताप बढ़ जाता है। अधात्विक ( solid ) तथा liquid में अणुओं के कम्पन्न के कारण कारण  conduction होता हैं । अतः यह दुर्बल चालक कहलाते है। धात्विक ठोस में मुक्त इलेक्ट्रॉन heat energy का ट्रांसफर करते हैं। अतः इनको ऊष्मा का अच्छा चालक कहा जाता है।

2. Convection method ( संवहन विधि )

ऊष्मा संचरण की इस विधि ऊष्मा का प्रवाह उच्च ताप वाले स्थान से निम्न ताप वाले स्थान की ओर माध्यम के कणों की सहायता से इस प्रकार होता हैं कि माध्यम के कण स्वयं अपनी स्थिति परिवर्तित करके एक स्थान  से दूसरे स्थान तक ऊष्मा का प्रवाह करते है।

प्रायोगिक विश्लेषण -: 

यदि किसी पात्र में जल को लेकर गर्म किया जाए तो पात्र के तल का जल सबसे पहले गर्म होता हैं। जिससे गर्म जल का घनत्व ठंडे जल की तुलना में कम हो जाता हैं। तथा गर्म जल के heating particles नीचे ( तल ) से ऊपर की ओर गति करते है जिससे जल में नीचे से ऊपर की ओर wave (  धाराए ) उत्पन्न होती हैं। इन wave को convection wave  कहते है।

Important properties of convection 

A. माध्यम में दो स्थानों या अणु पर घनत्व के अंतर के कारण तथा गुरुत्व के प्रभाव में गर्म कण ऊपर की ओर तथा ठंडे कण नीचे की ओर गति करते है। इस प्रक्रिया को normal convection कहते हैं।

B. Gravitational free area में convection सम्भव है।

3. Radiation method ( विकिरण विधि )

ऊष्मा संचरण की इस विधि में ऊष्मा एक स्थान से दूसरे स्थान तक without medium के ट्रांसफर होती हैं तथा radiation method में heat electro magnetic wave के रूप में ट्रांसफर होती हैं। जिसके कारण कारण तरंग संचरण एरिया में यदि कोई वस्तु पायी जाती हैं तो यह उसे भी गर्म कर देता हैं।